Saturday, September 12, 2020

Mujhe Radhe Naam Sunai De (भजन: मुझे राधे नाम सुनाई दे!)

 Radhe Radhe! Jay Shri Radhe Radhe...


Chitchor Bada Tu Chhaliya
Brindavan Ki Yah Galiyan ।
Chitchor Bada Tu Chhaliya
Brindavan Ki Yah Galiyan ।

Teri Baaki Baaki Soni Soni
Teri Baaki Baaki Soni Soni
Chitvan Shyam Dikhai De

Mujhe Radhe Radhe! Mujhe Radhe Radhe !
Mujhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Naam Sunai De
Mujhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Naam Sunai De
Mujhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Naam Sunai De

Tedhi Vah Matak Baaki Se Latak Muskan Hai Adharon Ki
Path Bhoole Pathik Kahate Hain Rasik Kya Baat Hai Najron Ki

Deedar Kare Jo Ghayal Ho Jata Tera Vah Kayal
Teri Baaki Baaki Soni Soni...
Chitvan Shyam Dikhai De
॥ Mujhe Radhe Radhe! Mujhe Radhe Radhe… ॥

Teri Madhur Badi Muskan Chain Mere Man Ka Le Legi
Us Par Murli Ki Taan Mujhe Yah Mar Hi Dalegi

Chham Chham Karti Hai Payal- Jhoome Lahari Dil Pagal
Teri Baaki Baaki Soni Soni
Chitvan Shyam Dikhai De
॥ Mujhe Radhe Radhe! Mujhe Radhe Radhe… ॥



Mujhe Radhe Radhe! Mujhe Radhe Radhe!
Mujhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Naam Sunai De
Mujhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Naam Sunai De
Mujhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Naam Sunai De







Wednesday, May 27, 2020

फतेहपुर के श्री लष्मीनाथजी की महाराज की जानकारी | laxminath ji ditails fatehpur shekhawati

 
पूज्य स्वामी श्री करपात्रीजी महाराज जी के शब्द थे की फतेहपुर के श्री लष्मीनाथ जी महाराज श्री बद्रीनाथधाम के स्वरूप ही है, जब आप फतेहपुर में सम्पन्न (स्वतः 2030 में ) एक महायज्ञ में पधारे थे आप श्री देवकीनन्दन खेड़वाल के अनुरोध पर मन्दिर में आये | सभा मण्डल के सामने भगवान को निहार रहे थे, तभी दिव्य दर्शन की अनुभूति के साथ उन्होंने उक्त उद्गगार प्रकट किये|

  एक सामंजस्य तो जरूर देखने में आता है कि श्री बद्रीनाथधाम के पट खुलने पर वहा आरती दीपक बती से चालू होती है एवं प्रायः उसी काल मे यहां आरती चन्दन-तुलसी से ! ओर जब वहा पट्ट मंगल हो जाते है तब यहाँ दीपक बती की आरती प्राम्भ हो जाती है इस मंदिर की यह परम्परा है|
    आरती जरूर दीपक-बती की बारहो मास होती हैं, चाहे बद्रीनाथधाम हो या लष्मीनाथधाम में | 
              शायद यही आभास पुज्य स्वा मी को हुआ हो अतः उक्त उदगार उनके श्री मुख से निकले हो| भगतो के भगवान कब अवतरित होते है यह तो जन जन व्याप्त उन चमत्कारी घटनाओं से साश्रय होने पर ही होता है | 
   परन्तु कुछ बाते पीढ़ी दर स्मरणीय बनी रहती है ओर वही स्मरणीय श्रंखला वर्तमान गाथा का आधार होता हैं|
 

पुराने मन्दिर के इतिहास के अनुसार यह प्रतिमा संवत 1552 में हैदराबाद के पठान मोहम्मद अली को भूमि के नीचे से मिली एवं 59 वर्ष तक उन्ही के पास रही !
  सम्वत 1588 में भगत के गुरुजी भोजक के द्वारा इस पतिमा को वहां से लाकर फतेहपुर स्थित सब्जी मंडी के पीछे श्री सीतारामजी के मंदिर में विराजमान किया गया|
 स्वत 1621 विशाख शुक्ला 15 दिन भगवान की उक्त पतिमा को वर्तमान में स्थित एक छोटा मन्दिर निर्माण करवाकर विराजमान किया गया | स्वत 1806 में चूरू के श्री नाहरमलजी लोहिया परिवार द्वारा आषाढं शुक्ला 15 के दिन यह वर्तमान मन्दिर बालकृष्णजी चौधरी की देख-रेख में नगर के पन्चो द्वारा निमित्त हुआ | मन्दिर के लिये जमीन अग्रवाल महाजन झुर्रियो द्वारा प्रदान की गई | 
           चमत्कार होते गये , ध्यान एवं दर्शन से मनोकामना पूरी होती गई , जन मानस में श्रद्धा बढ़ती गई उसी विस्वास का परिणाम है आज का यह भव्य मंदिर |
                    उस समय सचालन व्यवस्था को सुचारु रूप देने के लिये पच महाजनो चौधरियो ने भोजक परिवार के साथ दो सहायक पंडा जाती के पुजारियों को सेवा के लिए रखा | 
  स्वत 2032 में देवकीनन्दन खेड़वाल के प्रयत्नों से स्वपथम रजिस्टर्ड ट्रस्ट बोर्ड का गठन हुआ | ट्रस्ट के प्रथम सभापति श्री हनुमान प्रसाद नेवटिया , उसके बाद श्री हनुमान प्रसाद धानुक  ने कार्य भार सम्हाला | उसके बाद श्री श्यामसुंदर धानुका व वर्तमान में श्री मदनमोहनजी धानुका सभापति पद पर है | ट्रस्ट बोर्ड के अधीनस्थ स्वत 2044 आस्विनी शुक्ला 10 के दिन एक मंदिर प्रबन्ध समिति का गठन किया गया | प्रबंधको ने मंदिर व्यवस्था को विस्तार देते हुये मंदिर का मुख्य प्रागण चोक , कटला , परिक्रमा , शिवालय , जलाशय , सभाग्रह आदि का निर्माण करवाया | श्री लष्मीनाथ मन्दिर की परम्परा में उत्सव , महोत्सव एवं त्योहार पर विशेष श्रगार व्यवस्था के साथ भागवत कथा का आयोजन स्वत 1964 से आज तक भगतजनो द्वारा किया जाना भगवान एव मन्दिर के प्रति अटूट श्रद्धा को प्रदर्शित करता है | 
आज भी नगरवासी एव शहरों की जनता श्रद्धा से अपने इस आराध्य देव को नमन करती है| 
 चालू समय मे 2020 की महामारी कोरोना में लष्मीनाथ जी कृपा से फतेहपुर में व सूरत गुजरात मे भी उनके दया से गरीबों को खाना वितरित किया जाता है यह सब समभव लष्मीनाथ जी की कृपा से ही है 
 ओर एक बार जरूर जय श्री लष्मीनाथ जी की बोलियेगा
जय श्री ठाकुर जी की 🙏🙏🙏🙏


    

Monday, April 27, 2020

kalai pakad le pakdta naa koi | कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई,

कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,
तेरे दर्र पे आके, मेरी आँख रोई, मेरी आँख रोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

जिनको भी दिल के दुखरे सुनाए, जिनको भी दिल के दुखरे सुनाए,
वही मेरे अपने हुए सब पराए, वही मेरे अपने हुए सब पराए,
तेरी आश् की मैने माला पिरोइ, पिरोइ,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

बड़ी है मुसीबत बताया ना जाए, बड़ी है मुसीबत बताया ना जाए,
अब बोझ दुख का उठाया ना जाए, अब बोझ दुख का उठाया ना जाए,
गम आँसुओ से तेरी चौखट भिजोई, भिजोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

अगर है दयालु दया अब दिखड़े, अगर है दयालु दया अब दिखड़े,
तेरे हर्ष की रोटी आँखे हसा दे, तेरे हर्ष की रोटी आँखे हसा दे,
साइवा तेरे दुनिया मेी दूजा ना कोई, ना कोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,
तेरे दर्र पे आके, मेरी आँख रोई, मेरी आँख रोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

Thursday, April 9, 2020

naiya hai majhdar shyam | नैया है मझधार श्याम इसे पार लगा जाओ,

नैया है मझधार श्याम इसे पार लगा जाओ,
हो नीले असवार दयालु जल्दी आ जाओ,

नैया मेरी डूब रही है केवट बैठा है,
चुप चाप मेरी बर्बादी की लीला कैसे देख रहे हो,
क्यों करते इंकार मुझे ये भेद बता जाओ,.
हो नीले असवार दयालु जल्दी आ जाओ,

तूफानों से लड़ते लड़ते हार गया अब दास तेरा,
तुझपर दारमदार प्रभु अब टूटे न विश्वाश तेरा,
संभालो पतवार भवर से इसे बचा जाओ,
हो नीले असवार दयालु जल्दी आ जाओ,

बीच भवर में दूजा केवट श्याम कहा से लाऊ मैं,
तुझबीण रक्शा हो नहीं सकती कितना भी चिलाऊ मैं.
तेरा ये ही आधार प्रभु मोहे धीर बंधा जाओ,.
हो नीले असवार दयालु जल्दी आ जाओ,

दीं दयालु नाम तुम्हारा नाम की लाज रखो सरकार,
थोड़ी सी अब किरपा करो तो हो जाये गा बेडा पार.
बिनु है लाचार प्यार अपना बरसा जाओ,
हो नीले असवार दयालु जल्दी आ जाओ,

Wednesday, April 8, 2020

hare ka tu hai sahara sawre | हारे का तू है सहारा साँवरे हमने भी तुम को पुकारा साँवरे

हारे का तू है सहारा साँवरे
हमने भी तुम को पुकारा साँवरे
नहीं और सहा जाये, हम बोल कहाँ जाये
हारे का तू है सहारा साँवरे

।। अन्तरा ।।

हमें अपनी आँखों से दूर नहीं करना
हम रो पड़ेंगे, मजबूर नहीं करना
अपनों के सताए है, तेरी शरण में आये हैं
हारे का तू है........................।।1।।


हम है कितने हारे, परछाई कह रही है
आँखों से दिल की सच्चाई बह रही है
ये नीर जो बहता है, रो रो के कहता है
हारे का तू है........................।।2।।


चाहे मुझे कुछ भी कहे ये जमाना
‘संजू’ कन्हैया से नाता है पुराना
संतोष यही मन में, तुम हो मेरे जीवन में
हारे का तू है........................।।3।।

Saturday, April 4, 2020

ek aash tumhari hai vishvash tumhara hai | एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है

एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है,
एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है,
अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है,
एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है,
फूलों में महक तुमसे, तारों में चमक तुमसे,
मेरे बाबा…..
इतना बता दो कहा तुम नहीं हो,
ये सब को पता है की तुम हर कहीं हो,
अगर तुम ना होते तो दुनिया ना होती,
अँधेरा मिटाती है तेरी ही ज्योति,

फूलों में महक तुमसे, तारों में चमक तुमसे,
बर्फो में शीतलता, अग्नि में धधक तुमसे,
अग्नि में धधक तुमसे,
जिस ओर नज़र डालू, तेरा ही नजारा है,
अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है,

एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है,
अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है,
मंझधार में नैया है, मजबूर खिवैया है,
कन्हैया…..
विश्वास मेरा ये टूटे ना प्यारे,
तुम्हिको लगानी है नैया किनारे,
चले आओ ढूंढो ना कोई बहाना,
सोचो जरा है ये रिश्ता पुराना,

मंझधार में नैया है, मजबूर खिवैया है
नैया का खिवैया तो, अब तू ही कन्हैया है
अब तू ही कन्हैया है
अब पार लगा बाबा, मंझधार किनारा है
अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है

एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है
अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है
इस तन में रमे हो तुम,
इस मन में रमे हो तुम
ऐ मेरे बाबा….,
तुझसे जुडी है मेरी हर कहानी,
तुम्ही दे रहे हो मुझे दाना पानी

ये अहसान तेरा मैं कैसे चुकाऊं
दिया है जो तूने मैं ना भूल पाऊं

इस तन में रमे हो तुम, इस मन में रमे हो तुम
मैं तुमको कहा ढूँढूँ, इस दिल में बसे हो तुम
इस दिल में बसे हो तुम

घनश्याम दरस देदो, कोई न हमारा है
अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है

एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है
अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है

एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है
अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है
एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है‘

Wednesday, April 1, 2020

kyu bhul gaye shyama mujhe pagal samjh kar bhul gaye | क्यू भूल गए श्यामा मुझे पागल समझ कर भूल गए

क्यू भूल गए श्यामा, मुझे पागल समझ कर भूल गए,
पागल समझ कर भूल गए ,श्याम पागल समझ कर भूल गए,
क्यू भूल गए श्यामा.....


मेरे मन में उठी तरंगे , जापलू नाम तुम्हारा
अब श्यामा तुम दर्शन दे दो ,होगा भला तुम्हारा,
हम बालक हे नादान२ तुम कयु कर भूल गए
क्यू भूल गए श्यामा.....

तुम आओ या ना आओ,में लूंगा नाम तुम्हारा,
जंहा कंही भी जाओगे, पीछा करू तुम्हारा
में छोड़ नहीं सकता, तुम बेशक हमको छोड़ चले,
क्यू भूल गए श्यामा.....

दुनिया में तुम भगति की माला जल्दी फेरो भगवन ,
नहीं तो इस दुनिया में श्यामा धरम होयेगा भंग,
क्यू तोड़ रहे श्यामा मेरा भगति भरा दिल तोड़ रहे
क्यू भूल गए श्यामा.....

मेरे मन में आश लगी में आया पास तुम्हारे,
मातृदत्त हे तुम बिन व्याकुल ,सुनले नन्द दुलारे,
में भूल नहीं सकता तुम बेशक हमको भूल चले
क्यू भूल गए श्यामा.....

क्यू भूल गए श्यामा, मुझे पागल समझ कर भूल गए,
पागल समझ कर भूल गए ,श्याम पागल समझ कर भूल गए,
क्यू भूल गए श्यामा.....

Tuesday, March 31, 2020

saware ki mahfil ko sawara sajata hai | संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,किस्मत वालो के घर में श्याम आता है,

संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
किस्मत वालो के घर में श्याम आता है,


गेहरा हो नाता बाबा का जिनसे,
मिलने को बाबा आता है उनसे,
उनका यह साथी बन जाता है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,

किरपा बरसती है जिनपे इनकी,
तकदीर लिखता हाथो से उनकी,
गम का अँधेरा छत जाता है
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,

भजन सुनते जो इनके प्यारे,
उसके परिवार के वारे न्यारे,
मंदिर सो घर बन जाता है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,

कुछ भी असम्बब होता नही है,
महफ़िल में इसकी होता यही है,
सुनील सब यहाँ मिल जाते है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,

संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
किस्मत वालो के घर में श्याम आता है
,

Monday, March 30, 2020

kab aayega mera sawariya kab aayega mera sawariya | कब आएगा मेरा सांवरिया ,कब आएगा मेरा सांवरिया

कब आएगा मेरा सांवरिया ,कब आएगा मेरा सांवरिया
जाने कब आएगा,मुझे अपना बनाएगा,
मेरे आँसु पूँछ कर मुझे गले लगाएगा

थक गए नैन मेरे ,रस्ता निहार के,
प्यासी प्यासी अँखियो में सपने बहार के,
जीवन बन जायेगा जब कान्हा आएगा
आंसू  मेरे पूँछ कर.....

कब आएगा मेरा सांवरिया ,कब आएगा मेरा सांवरिया

तुझसे उम्मीद मुझे तेरा ही सहारा हे,
निर्बल गरीब हु में, कोई ना हमारा हे,
कब तक बहलाएगा,कब तक तरसायेगा
आंसू  मेरे पूँछ कर.....

कब आएगा मेरा सांवरिया ,कब आएगा मेरा सांवरिया

बनो ना कठोर थोड़ी, दया से काम लो,
आकर के कन्हैया मेरे दामन को थाम लो
संजू गुण गायेगा, सेवक बन जायेगा
आंसू  मेरे पूँछ कर.....

कब आएगा मेरा सांवरिया ,कब आएगा मेरा सांवरिया

Saturday, March 28, 2020

thari kai che mansya kai che vichar | थारी कांई छः मनस्या कांई छः विचार सुणियो जी म्हारा लखदातार

थारी कांई छः मनस्या कांई छः विचार सुणियो जी म्हारा लखदातार

 (1) हार गयो जी मैं तो विनती कर क पड़ी नहीं काना भणकार

 (2) म्हे दुखिया ना चैन घड़ी को थे तो जाणो सारी सार

 (3) थां सं या भी नाहिं छानी छः नही म्हारो और आधार

 (4) देर करो थाणे जितनी करणी सुणनी पडसी करुण पुकार

 (5) म्हारै लाम थारे ढील घणी है बेगा आवो नही करो ऊवार

 (6) आलूसिंह जी थारों ध्यान लगाव रोज कर थारों श्रृंगार

थारी कांई छः मनस्या कांई छः विचार सुणियो जी म्हारा लखदातार

स्वर: महाराज श्री श्याम सिंह जी चौहान

Friday, March 27, 2020

badi dur se chalkar aaya hu baba | बड़ी दुर से चलकर आया हूं मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए

बड़ी दुर से चलकर आया हूं,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए ।
एक फुल गुलाब का लाया हूं,
चरणों में तेरे रखने के लिए ॥

ना रौली मोली चावल हैं,
ना धन दौलत की थैली हैं ।
दो आंसू बचाकर लाया हूं,
बस पूजा तेरी करने के लिए ॥

ना रंगमहल की अभिलाषा,
ना इच्छा सोने चांदी की ।
तेरी दया की दौलत काफी है,
बस झोली मेरी भरने के लिए ॥

मेरे बाबा इच्छा नहीं मेरी,
अब यहां से वापस जाने की ।
चरणों में जगह दे दो थोड़ी,
मुझे जीवनभर रहने के लिए ॥

बड़ी दुर से चलकर आया हूं,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए ।
एक फुल गुलाब का लाया हूं,
चरणों में तेरे रखने के लिए ॥

shree laxminath baba daya ho tumhari | श्री लक्ष्मीनाथ बाबा दया हो तुम्हारी

laxminath baba daya ho tumhari              
श्री लष्मीनाथ बाबा दया हो तुम्हारी,
दया हो तुम्हारी बाबा दया हो तुम्हारी बाबा,
कृपा हो तुम्हारी
श्री लष्मीनाथ बाबा दया हो तुम्हारी
•  दीनानाथ बड़ा नाम तेरा, बिगड़ी बनाना है काम तेरा,
दीनानाथ बड़ा नाम तेरा, बिगड़ी बनाना है काम तेरा,
घर घर होवे बाबा पूजा तेरी,
घर घर होवे बाबा पूजा तेरी,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,
laxminath baba photo'श्री लक्ष्मीनाथ बाबा
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा 

  • बैकुण्ठ से आय बिराजे, नगर फतेहपुर के भाग जागे,
बैकुण्ठ से आय बिराजे, नगर फतेहपुर के भाग जागे,
चरण शरण तेरी, सब चलते हैं,
चरण शरण तेरी, सब चलते हैं, 
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,

  • बाएं अंग में लक्ष्मी बिराजे, सायें अंग में गरुड़ बिराजे,
बाएं अंग में लक्ष्मी बिराजे, सायें अंग में गरुड़ बिराजे,
भोले नाथ बाबा, जाते सँवारे,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,
  • हे करुणा निधि करुणा कीजे, अपने हाथ सिर धर दीजे,
हे करुणा निधि करुणा कीजे, अपने हाथ सिर धर दीजे,
भक्त गावे बाबा महिमा तेरी,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,
  • दया हो तुम्हारी बाबा, दया हो तुम्हारी बाबा,
कृपा हो तुम्हारी,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,
दया हो तुम्हारी बाबा, दया हो तुम्हारी बाबा,
कृपा हो तुम्हारी,
श्री लक्ष्मीनाथ बाबा कृपा हो तुम्हारी,ajayagarwal9500@gmail.comhttps://youtu.be/2e54K5amgSw