Tuesday, March 31, 2020

saware ki mahfil ko sawara sajata hai | संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,किस्मत वालो के घर में श्याम आता है,

संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
किस्मत वालो के घर में श्याम आता है,


गेहरा हो नाता बाबा का जिनसे,
मिलने को बाबा आता है उनसे,
उनका यह साथी बन जाता है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,

किरपा बरसती है जिनपे इनकी,
तकदीर लिखता हाथो से उनकी,
गम का अँधेरा छत जाता है
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,

भजन सुनते जो इनके प्यारे,
उसके परिवार के वारे न्यारे,
मंदिर सो घर बन जाता है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,

कुछ भी असम्बब होता नही है,
महफ़िल में इसकी होता यही है,
सुनील सब यहाँ मिल जाते है,
संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,

संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है,
किस्मत वालो के घर में श्याम आता है
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