Monday, April 27, 2020

kalai pakad le pakdta naa koi | कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई,

कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,
तेरे दर्र पे आके, मेरी आँख रोई, मेरी आँख रोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

जिनको भी दिल के दुखरे सुनाए, जिनको भी दिल के दुखरे सुनाए,
वही मेरे अपने हुए सब पराए, वही मेरे अपने हुए सब पराए,
तेरी आश् की मैने माला पिरोइ, पिरोइ,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

बड़ी है मुसीबत बताया ना जाए, बड़ी है मुसीबत बताया ना जाए,
अब बोझ दुख का उठाया ना जाए, अब बोझ दुख का उठाया ना जाए,
गम आँसुओ से तेरी चौखट भिजोई, भिजोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

अगर है दयालु दया अब दिखड़े, अगर है दयालु दया अब दिखड़े,
तेरे हर्ष की रोटी आँखे हसा दे, तेरे हर्ष की रोटी आँखे हसा दे,
साइवा तेरे दुनिया मेी दूजा ना कोई, ना कोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,
तेरे दर्र पे आके, मेरी आँख रोई, मेरी आँख रोई,
कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई, पकड़ता ना कोई,

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